Rajasthan Ki Mithe Pani Ki Jheel Notes, राजस्थान की मीठे पानी की प्रमुख झीलें

जयसमंद झील /ढेबर झील (उदयपुर)

राजस्थान राज्य में मीठे पानी की सबसे बड़ी कृत्रिम झील जयसमंद है। इस झील का निर्माण गोमती नदी का पानी रोककर(1687-91) मेवाड़ के राणा जयसिंह ने कराया गया था। शांत एंव मनोरम वातावरण में इस झील का प्राकृतिक सौंदर्य मनोहरी है जो पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। जयसमंद झील से श्यामपुरा व भट्टा/भाट दो नहरें भी निकाली गई है। जिनकी लम्बाई क्रमश: 324 किलोमीटर और 125 किलोमीटर है। इस में करीब 7 या 8 टापू हैं जिसमें भील एंव मीणा जाति के लोग रहते हैं।

नोट :- एशिया/भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्द सागर झील(भाखड़ा बांध, हिमाचल प्रदेश)

राजसमंद झील (राजसमंद)

राजसमंद झील का में निर्माण 1662 ई0 मेवाड़ के राजा राजसिंह द्वारा कराया गया था । राजसमंद झील लगभग उदयपुर से 64 किलोमीटर स्थित है । राजसमंद झील के उत्तरी भाग को नौ चौकी के नाम से जाना जाता है जहां संगमरमर की 25 शिला लेखों पर मेंवाड़ का इतिहास संस्कृत भाषा में अंकित है। इसे राजप्रशस्ति कहते है जो की संसार की सबसे बड़ी प्रशस्ति है। राजसमंद झील के किनारे पर द्वारकाधीश मंदिर और घेवर माता की छतरी स्थित है।

पिछोला झील (उदयपुर)

पिछोला झील का निर्माण राणा लाखा के शासन काल में एक पिच्छू नामक बंजारे के द्वारा 14वीं शताब्दी के अंत में करवाया था । उदयपुर की सबसे प्रसिद्ध और सुन्दरतम् झील है । यह झील मिठे पानी की कर्त्रिम झील है। पिछोला झील का मनोरम दृश्य इतना सुंदर है कि पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। मुगल शासक शाहजहां ने अपने पिता से विद्रोह के समय यहां शरण ली थी। पिछोला झील के समीप “गलकी नटणी” का चबुतरा बना हुआ है।

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नक्की झील (सिरोही)

यह एक प्राकृतिक झील(क्रेटर झील) है। एक मान्यता के अनुसार इस झील की खुदाई देवताओं ने अपने नाखुनों द्वारा की थी इसी करण से इसे नक्की झील कहा जाता है। नक्की झील के पास ही “अर्बुदा देवी” का मन्दिर स्थित है। इस झील में टापू है जिस पर रघुनाथ जी का मन्दिर बना है। यह झील गरासिया जनजाति का आध्यात्मिक केन्द्र है। यह राजस्थान की सर्वाधिक ऊंचाई पर तथा सबसे गहरी झील है और राजस्थान की एक मात्र ऐसी झील जो सर्दियों में जम जाती है।

पुष्कर झील (अजमेर)

पुष्कर झील राजस्थान का सबसे पवित्र झील (सरोवर) माना जाता है। इसी कारणों से इसे आदितीर्थ/पांचनातीर्थ/कोंकणतीर्थ/तीर्थो का मामा/तीर्थराज भी कहा जाता है। पुष्कर झील झील के चारों ओर स्नान घाट बने है। महाभारत के कई किस्से पुष्कर झील झील से जुड़े हुए है। यहाँ पर पांडवों ने महाभारत युद्ध के बाद स्नान किया था

आनासागर झील (अजमेर)

आनासागर झील को कई अन्य नामो से बुलाया जाता है जैसे आना सागर झील, आणा सागर झील। आनासागर झील का निर्माण पृथ्वीराज चौहान के पितामह अर्णोराज या आणाजी चौहान ने बारहवीं शताब्दी के मध्य करवाया था। इस झील के प्रांगण में एक बाग है जिसे दौलत बाग के नाम से जाना जाता है जिसका निर्माण जहाँगीर द्वारा करवाया गया इसके आलावा इसे सुभाष उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।

फाय सागर झील (अजमेर)

फायसागर झील का निर्माण अंग्रेज अभियंता फॉय के निर्देशन में किया गया था इसीलिए इसे फायसागर कहते है यह अजमेर में स्थित है जब फायसागर झील का जलस्तर अधिक हो जाता है तब इसका पानी आनासागर में छोड़ दिया जाता है फायसागर झील अजमेर में स्थित है

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फतेहसागर झील (उदयपुर)

फतेहसागर झील पिछोला झील से 1.5 किलोमीटर दूर है। फतेहसागर झील में टापु है जिस पर नेहरू उधान बना है तथा इस झील में सौर वैद्यशाला भी बनी हुई है। फतेहसागर झील उदयपुर में स्थित है फतेहसागर झील से उदयपुर को पेयजल की आपूर्ति की जाती है।

कोलायत झील (बीकानेर)

कोलायत झील का निर्माण कपिल मुनि ने अपनी माता की मुक्ति के लिए की। कोलायत झील पास ही यहां एक शिवालय है जिसमें 12 शिवलिंग है। कोलायत झील को ही शुष्क मरुस्थल का सुन्दर मरूद्यान कहा जाता है। यहाँ पर पीपल के बहुत पेड उपस्थित है साथ की यहाँ पर अनेको घाट बने हुए है कोलायत झील बीकानेर में स्थित है

बालसमंद झील (जोधपुर)

बालसमंद झील का निर्माण गुर्जर प्रतिहार शासकों ने करवाया था यह झील जोधपुर के उत्तर में स्थित है झील के मध्य महाराजा सुरसिंह ने अष्ट खम्भा महल बनाया हुआ है।

उदयसागर झील (उदयपुर)

उदयसागर झील का निर्माण उदयसिंह ने कराया था। इस झील का निर्माण समाज के लोगो के लिए पानी की आपूर्ति को ध्यान में रख करवाया था

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